OPS: डीओपीटी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को लिखे अपने पत्र में एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा, रक्षा सहित सभी केंद्रीय मंत्रालयों में ‘विभागीय काउंसिल जेसीएम’ और नेशनल काउंसिल जेसीएम की बैठकें, नियमित तौर पर होनी चाहिए। केंद्र में नई सरकार के गठन के साथ ही कर्मचारी संगठन, अपनी लंबित पड़ी मांगों को लेकर सक्रिय हो गए हैं। पुरानी पेंशन बहाली के लिए गठित, नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक और एआईआरएफ के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने 11 जून को प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में आग्रह किया है कि एक जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मियों की ‘पुरानी पेंशन बहाली’ पर गंभीरता से विचार किया जाए। इसके साथ ही केंद्र सरकार ‘आठवें वेतन आयोग’ के गठन की घोषणा भी जल्द से जल्द करे। दूसरी तरफ स्टाफ साइड की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सदस्य और अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव सी. श्रीकुमार ने भी 11 जून को ही DoPT मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को ’21’ मांगों वाला एक पत्र भेजा है। इसमें भी ओपीएस, कोविड के दौरान रोके गए 18 माह के डीए का एरियर, सीजीएचएस और एलटीसी सहित दूसरी कई मांगें शामिल हैं। मिश्रा ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा, आप अपनी सोच के अनुसार, भारत के विकास के अपने संकल्प को अवश्य पूरा करेंगे। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के करीब 9 लाख सदस्य, सरकार की योजनाओं में अवश्य सहभागी रहेंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने एआईआरएफ के 24 अप्रैल को नई दिल्ली में आयोजित ‘शताब्दी महोत्सव’ के अवसर पर प्रेरणादायक संदेश भेजा था। उसके जवाब में अब शिव गोपाल मिश्रा ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसी में उन्होंने ‘पुरानी पेंशन बहाली’ और ‘आठवें’ वेतन आयोग के गठन की बात कही है।
डीओपीटी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को लिखे अपने पत्र में एआईडीईएफ के महासचिव सी. श्रीकुमार ने कहा, रक्षा सहित सभी केंद्रीय मंत्रालयों में ‘विभागीय काउंसिल जेसीएम’ और नेशनल काउंसिल जेसीएम की बैठकें, नियमित तौर पर होनी चाहिए। प्रभावी कामकाज के लिए समय पर बैठकों का होना बहुत जरूरी है। सातवें सीपीसी पे स्केल के अनुसार, रक्षा विभाग के सिविल कर्मियों के नाइट ड्यूटी अलाउंस की पेमेंट का आदेश जारी किया जाए। केंद्र सरकार के कर्मियों के लिए ‘स्विच ओवर द 7th सीपीसी’ का एक विकल्प और दिया जाए।
ऐसे कर्मचारियों का वेतन बढ़ाया जाए, जिन्हें 31 दिसंबर 2015 तक पदोन्नति मिल गई थी, लेकिन उनका वेतन एक जनवरी 2016 को पदोन्नति पाए जूनियरों से कम है। कोविड 19 के दौरान केंद्र सरकार ने 18 माह के डीए/डीआर का एरियर फ्रीज कर दिया था, अब उसे जारी किया जाए। केंद्र सरकार में ऐसे कर्मचारी, जो सेवा के दौरान मारे जाते हैं, उनके बच्चों को सहानुभूतिशील आधार पर नियुक्ति देने के लिए पांच फीसदी की अधिकतम सीमा को खत्म किया जाए। कोविड-19 के दौरान मारे गए कर्मियों के परिजनों को सहानुभूतिशील आधार पर नियुक्ति दी जाए। नेशनल पेंशन सिस्टम को खत्म किया जाए। उन कर्मियों को काल्पनिक वेतन वृद्धि दी जाए, जिनका इंक्रीमेंट पहली जुलाई या पहली जनवरी को देय होता है, लेकिन वे जून और दिसंबर के आखिरी दिन रिटायर हो जाते हैं। इस बारे में विभिन्न अदालतों द्वारा आदेश भी जारी किए गए हैं। जीपीएफ के तहत डिपॉजिट लिंक इंश्योरेंस स्कीम को छह लाख रुपये तक बढ़ाया जाए।
केंद्र सरकार में पेंशनर के लिए ‘पेंशन का परिवर्तित भाग’ 15 साल की बजाए, 12 वर्ष में किया जाए। संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों के मुताबिक, हर जिले में सीजीएचएस वेलनेस सेंटर स्थापित किया जाए। बिना किसी देरी के आठवें वेतन आयोग का गठन हो। उन केंद्रीय कर्मियों को, जो एलटीसी 80 की सुविधा लेते हैं और अंडमान एंड निकोबार आइलैंड जाने के लिए एयर टिकट, अधिकृत एजेंट की बजाए, उत्तर पूर्व व जेएंडके की तर्ज पर किसी दूसरे एजेंट से लेते हैं, एकबारगी छूट प्रदान की जाए। रक्षा क्षेत्र के कर्मियों को संचित 300 प्लस 30 दिन की ईएल की इजाजत, नॉन इंडस्ट्रियल कर्मियों की तर्ज पर दी जाए। एआईडीईएफ महासचिव ने उक्त मांगों को लेकर डीओपीटी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात का समय मांगा है।