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कुछ महीने पहले ही बनी सड़क के उड़े परखच्चे कदम-कदम पर जानलेवा गड्‌ढे बने मुसीबत

कौडिया। कुछ ही माह पहले बनाए गए स्टेट हाईवे 22 के पिपरिया-करेली रोड की हालत एक बार फिर खराब होने लगी है।मार्ग की सड़क पर इन दिनों कौडिया से गाडरवाड़ा मार्ग पर मुक्तिधाम के सामने, इंडियन बैंक के सामने, बोहानी में संजय निकुंज के सामने साहित अन्य जगह दर्जनाधिक गड्ढे बन गए हैं। बारिश होते ही ये गड्ढे तालाब का रूप ले लेते हैं। उस स्थान पर पहुंचते ही वाहन चालक व यात्रियों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इससे लोगो व वाहनों को आवागमन में भारी परेशानी की सामना करना पड़ता है। अधिकारी अपने क्षेत्र में सड़क की मरम्मत करवाने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे हैं। इस सड़क पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहन भारी वजन लिए आवागमन करते हैं। उसके अलावे बड़े अधिकारी व नेताओं समेत मंत्रियों के वाहन इस पर से होकर आते जाते रहते हैं। उसके बाद भी किसी का ध्यान इन गड्ढों की ओर नहीं है। इस मुख्य मार्ग पर अवस्थित गांव के निवासियों का कहना है कि सड़क के निर्माण हुए ज्यादा समय नहीं हुआ हैं। कई जगह सड़क के किनारे नाली और साइड सोल्डर भी नहीं बना है।

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कई जगहों पर ग्रामीण अपने घर के सामने सड़क पर बने गड्ढे को स्वयं मिट्टी से भरकर सड़क पर जलजमाव होने से बचाते हैं। कौडिया के अभिषेक सराठे अपने निजी खर्च से सीमेंट गिट्टी और रेत लाकर गड्डे को भर चुके हैं। उनके घर के सामने सड़क पर गड्ढे होने से बरसात का पानी जम जाता है। उस पानी में छोटे बड़े वाहनों का आवागमन होता है तो गंदा पानी का छींटा उन्हें जरूर पड़ता है। इन गड्ढों के पास हमेशा दुर्घटना होती रहती है। इससे कई लोगों की जान जा चुकी है। -ग्रामीण क्या कहते हैं यहां के ग्रामीण प्रियंक दीक्षित, मनोज शर्मा, राव राजेश सिंह, साहित अन्य वाहन चालक कहते हैं कि जब हम रोड टैक्स, टोल टैक्स सहित अन्य प्रकार के वाहन बीमा फिटनेस के टैक्स भरते हैं तो फिर सड़क हमें गड्ढे वाली क्यों मिलती हैं। सरकार है भारी भरकम टैक्स लेती हैं तो आम जनता की समस्याओं को भी तत्परता से सुलझाना चाहिए। जब हमारे पास लाइसेंस नहीं होता बीमा के कागज नहीं होते, गाड़ी चलाते समय हेलमेट नहीं होता तो सरकार हम पर तत्काल फाइन लगा देती है। जब सरकार और ठेकेदार गलती करें तो उन पर क्या कोई फाइन नहीं लग सकता। उन पर भी इसी प्रकार के नियम लागू होनी चाहिए।

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