कौडिया। गांव के श्री राम जानकी मंदिर पर जारी श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिनपंडित हिमांशु तिवारी जी ने श्री कृष्ण जन्म प्रसंग का बखान किया गया। कंस के कारागार में कृष्ण का जन्म हुआ। बासुदेव पहुंचे नंदबाबा के यहां। कंस को मारने बाला पैदा हो गया। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की।
इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है, वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए। माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। ऐसी कई मिसालें हैं, जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर संकीर्तन मंडली की सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।