कौडिया। विकाशखंड चावारपाठा के अंतर्गत ग्राम पंचायत कौडिया में रविवार को लगने वाले हाट बाजार और मवेशी (बकरी) बाजार में कीचड़ और गंदगी से व्यापारी और आमजन परेशान हैं। एक दुकानदार तो कीचड़ से बचने के लिए ट्रॉली पर छाता पन्नी भेजते हुए नजर आए। हर वर्ष ग्राम पंचायत को शनिवार और रविवार को लगने वाले बाजारों से करीब 7 लाख की आमदनी होती हैं। ठेकेदार एक व्यापारी से 40 और पचास रुपया बसूलते हैं। सरकार द्वारा 50 लाख की लगत से बनवाया गया हाट बाजार भी काम नही आ रहा। कीचड़ होने से व्यापारी सड़क किनारे दुकान लगाते हैं। जिस कारण सड़क पर जाम लगता हैं, आने जाने वाले लोगों को परेशानी होती हैं। कीचड़ से बचने दुकान लगाना व्यापारी वर्ग की मजबूरी बन गई है। क्यों हुईं कीचड से परेशानी – साप्ताहिक सब्जी और मवेशी बाजार में बरसात लगते ही सरपंच सचिव ने रामनगर मौहल्ला में एक तालाब की जेसीबी मासीन से खुदाई करवाई, उससे निकलने बाली मिट्टी बाजार में डलवा दी और जब बरसात हुईं तो वहीं मिट्टी कीचड़ दल दल का कारण बन गईं। सरपंच सचिव को एक तरफ तालाब खुदाई तो दूसरी तरफ बाजार में मिट्टी पटकने का खजाना मिल गया। व्यापारियों एवम् आमजनों को परेशानी हुईं
व्यापार करने के लिए दुकान के सामने पड़ी गंदगी को हटाना व्यापारी वर्ग की मजबूरी बन गई है। कीचड़ और गंदगी से मौसमी बीमारियों का खतरा भी बना हुआ है। बावजूद इसके पंचायत का इस ओर ध्यान नहीं है। इससे बाहर से व्यापार करने के लिए आ रहे व्यापारियों में आक्रोश नजर आ रहा है। सब्जी की दुकान लगाने के लिए आई कलाबाई ने कहा कि प्रत्येक बाजार से 40 रुपये बाजार बैठक के लिए जाते हैं लेकिन पैसे लेने के बाद रसीद नहीं दी जाती है। न ही इसके बदले सुविधाएं मिलती है। व्यापारियों ने कहा कि बाजार में गंदगी के कारण नागरिक सामान नहीं खरीदते हैं। इससे उन्हें नुकसान होता है। बताया जाता है कि ठेकेदार बाजार बैठक के नाम पर मनमानी वसूली करते हैं। व्यापारियों को रसीद भी नहीं देते हैं। ग्राम चिराई के लोकेश मुकाती ने बताया कि उनसे पिछले बाजार में बैठक के लिए 40 रुपये लिए गए। व्यापारी श्याम ने बताया कि उनसे 50 रुपये लिए गए। ग्राम पंचायत के सचिव उत्तम कौरव ने बताया लोभ लालच के कारण तालाब की मिट्टी बाजार में डलवा दी। टीएस जारी न होने के कारण उसका निर्माण नहीं हुआ।