कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन एवं उसकी प्रगति के संबंध में बैठक ली। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों की सहायता के लिये लागू की गई प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का जिले में नगरीय निकायों और जनपद एवं ग्राम पंचायतों के माध्यम से व्यापक प्रचार- प्रसार सुनिश्चित कर अधिक से अधिक शिल्पकारों और कारीगरों को लाभ दिलाने के निर्देश दिये।
बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री दलीप कुमार, श्री अभिलाष मिश्रा, डॉ. हरगोविंद पटेल, श्री राजीव ठाकुर, श्री राव संदीप सिंह, पीओ डूडा सहित समिति के अन्य सदस्य और संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि लाभार्थियों का नामांकन पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी) के माध्यम से किया जाएगा। लाभार्थियों के नामांकन के बाद तीन चरणों में सत्यापन किया जाएगा। पहला चरण ग्राम पंचायत/ यूएलबी स्तर पर सत्यापन, दूसरा चरण जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा जांच और सिफारिश तथा तीसरा चरण स्क्रीनिंग समिति द्वारा अनुमोदन शामिल होगा। आईटीआई प्राचार्य श्री आर एस पाराशर ने बताया कि ज़िले में अब तक ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों में लगभग 38,000 पंजीयन हुए हैं। कलेक्टर श्रीमती पटले ने इस कार्य में प्रगति लाने के निर्देश बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिए।
योजना में शामिल व्यवसाय
पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ 18 तरह के व्यवसायों में लगे कारीगर और शिल्पकार उठा सकते हैं। इन व्यवसायों में बढ़ई, नाव निर्माता, हथियार निर्माता, लोहार, हथौड़ा और टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार (मूर्तिकार, पत्थर तराशने वाला), पत्थर तोडने वाला, मोची/ जूता कारीगरों, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाडू निर्माता/कयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी और मछली पकड़ने का जाल निर्माण में लगे कारीगरी और शिल्पकारों को शामिल किया गया है। योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को मिलने वाला लाभ-पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ प्रदान करने की एक व्यवस्था बनाई गई है।