CEO साहब चांवरपाठा ने कहा कि फर्जी नियुक्ति नहीं, अंकसूची बाद में लगाने से वह फर्जी नियुक्ति नहीं कहलाती उसने सन् 1990 में कक्षा 10वीं पास कर ली थी ? तो बाद में अंक सूची क्यों लगाई ? मैंने कहा कि 41 प्रतिशत को 46 प्रतिशत क्यों लिखा गया ? कोई जवाब नहीं मिला ?

Whatsapp Image 2024 08 17 At 10.52.26 Pm

मैं रामजी चौधरी आत्मज श्री दीपचंद चौधरी निवासी मनकवारा पोस्ट चिरचिरा तहसील गाडरवारा जिला नरसिंहपुर मध्य प्रदेश का स्थायी निवासी हूँ।
मैं इस भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए 17 साल से लड़ रहा हूं । इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध शिकायत लेकर पुलिस के पास जाता हूं तो पुलिस कहती है हम कुछ नहीं कर पाएंगे। अधिकारियों के पास जाते हैं तो कहते हैं वह सब सही है। क्या ये सब राजनीति का खेल है अगर यही काम कोई मध्यम परिवार का करता तो अब तक वह जेल में होता। आज हजारों केस न्यायालय में ऐसे हैं जिनको लड़ते लड़ते आवेदकों की मृत्यु हो गई हैं फिर भी आज तक उन्हें न्याय नहीं मिला,आज भी मैं देखता हूं कि मध्यम वर्ग के लोग कोर्ट कचहरी में भूखे प्यास से बैठे रहते हैं पता चला कि उनकी पेशी बढ़ गई अब आप सस्ते वकील साहब को देखिए चुप है और मेंहगे वकील साहब को देखिए कोर्ट में सब वकीलों की ही भूमिका रहती है अगर केस में कोई दस्तावेज के बारे में नहीं बतायेगा तो केस मजबूत नहीं होगा इस विडियो में देखिए

Img 20240807 Wa0002

यह कि ग्राम पंचायत मनकवारा द्वारा पंचायत कर्मी नियुक्ति आवेदनों कि वरीयता एवं श्रेष्टता सूची के नंबर 15 उम्मीदवार रामनरेश कौरव आ.कंछेदी लाल कौरव कि पंचायत कर्मी पद पर नियुक्ति ग्राम पंचायत मनकवारा ने अवैध तरीके से मिलजुल कर व् सांठगांठ तरीके से कि गई थी। और रामनरेश कौरव की कक्षा 10 वी की अंकसूची नहीं थी । इस कारण से सूचना के अधिकार से चाही गई जानकारी मुझे सचिव रामनरेश कौरव ने नहीं दी थी। क्योकि उसकी नियुक्ति उसी पंचायत में हुई थी। मेने वरिष्ठ कार्यालयों से सूचना के अधिकार से 17 साल बाद जानकारी प्राप्त हुई। जिससे पता चला की नियुक्ति में बहुत ही बड़ा फर्जी बाड़ा हुआ है। नियुक्ति में अंकसूची के बगैर ही पंचायत कर्मी पद पर रामनरेश कौरव की नियुक्ति कर दी है। तथा कक्षा 10 वी में 41 प्रतिशत को 46 प्रतिशत वरीयता एवं श्रेष्टता सूची में बताया गया है। अभिलेखों में तथा नियुक्ति बैठक प्रस्ताव में अनुचित तरीके से 41 प्रतिशत को कांट छांट करके 46 प्रतिशत कर दिया था सूचना के अधिकार से जानकारी कक्षा 10 वी की द्वितीय प्रतिलिपि अंकसूची क्रमांक 0601134 माध्यमिक शिक्षा मंडल म .प्र.भोपाल द्वारा 13/08/2007 को जारी की गई है आवेदन पत्र दिनांक 23 से 30/07/2007 तक ग्राम पंचायत ने भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था श्रीमान मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मैंने फर्जी नियुक्ति के संबंध में 1/8/2024 को श्रीमान CEO महोदय को ग्राम पंचायत में हुई पंचायत कर्मी की फर्जी नियुक्ति की जांच करने का निवेदन किया। और मैंने कहा कि यह नियुक्ति विना अंक सूची के की गई है और कक्षा 10वीं में 46 प्रतिशत लिखे गए हैं और कक्षा दसवीं में 41 प्रतिशत है और 23/7/2007 से 30/7/2007 तक नियुक्ति हेतु जमा करने थे लेकिन राम नरेश कौरव ने कक्षा 10वीं की अंक सूची 13/8/2007 को माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा निकाली गई है उसके बाद नियुक्ति कार्रवाई में लगाई गई है यह सब जानकारी मैंने श्रीमान CEO साहब को बताई और करीब आधे घंटे तक मैंने फर्जी नियुक्ति के संबंध में बातचीत की जिसमें CEO साहब द्वारा कहा गया कि उसने सन् 1990 में कक्षा 10वीं (10+2) पास की है रामनरेश कौरव ने नियुक्ति के समय अंक सूची नहीं दी तो क्या हुआ पास है उससे यह कहा सवित होता है कि वह फर्जी नियुक्ति है मैंने कहा कि सर जी मेरी नियुक्ति आपके कार्यालय में कोई भी पद पर कर लीजिए बिना मार्कशीट के। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और मीटिंग में चले गए। पुलिस अधीक्षक और एसडीम महोदय को दिए गए आवेदन को जनपद पंचायत चांवरपाठा को भेज दिया गया है

Img 20240817 Wa0011

जिसमें जनपद पंचायत चांवरपाठा मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जांच दल गठित किया गया है दिनांक 02/08/2024 को। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अब आप बताईये इसमें अगर कोई बड़ा अधिकारी ऐसी बात कहे तो आप क्या समझेंगे

Comments

No comments yet. Why don’t you start the discussion?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *