हेमराज राजपूत, सहसंपादक।9424997310
कौडिया। जगत जननी मां दुर्गा के आराधना का शारदीय नवरात्रि पर्व कौडिया में भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। मंदिरों में और घर-घर में मां की आराधना में भक्तजन लीन हैं। सुबह हो साम देवी के मंदिरो में जयकारों से गूंज उठ रही हैं। खेरापति माता के दरबार में भक्त अखंड ज्योति जल रही हैं, भोर होते ही श्रद्धालु मां खेरापति पर जल अर्पित करने पहुंच रहे हैं। मां के दरबार में भक्तों का मेला लगा हैं। नवरात्रि पर देवी मां की आराधना में श्रद्धालु कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, कोई नंगे पांव रहकर आराधना कर रहा है, तो कोई 9 दिन बिना अन्न ग्रहण किया मां की सेवा जुटे हैं। देवी पंडान में देर रात्रि तक महिला एवं पुरषों की भजन मंडलियों की टोली माता के गुणगान करती दिख रही हैं l कई जगह छोटी-छोटी कन्याओ ने गरबा नृत्य से सबको मोहित किया। माता के रूप में सज धज कर भक्ति भाव प्रकट किया।
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र रहते हैं। इन नौ दिनों में भक्त भगवती दुर्गा की महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती के साथ नौ देवियों की पूजन अर्चना करते हैं। तो वहीं नगर के अनेक स्थानों पर जगह-जगह मां दुर्गा की साकार रूप में झांकियों के माध्यम से एवं देवी मंदिरों में भक्त मां की आराधना कर रहे हैं। पंडालो में देवी झांकियां की आकर्षक साज सज्जा सोभित किया है। श्री दुर्गा सप्तशती का सकाम या निष्काम भाव से पाठ किया जाता हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि गुरुवार के दिन से प्रारंभ हुईं। देवी भागवत के अनुसार यदि नवरात्रि गुरुवार से प्रारंभ होती है तो नवरात्रि का आगमन डोली पालकी में सवार होकर मां भगवती का आगमन होता है। इस कारण नवरात्रि का आगमन पालकी में सवार होकर भगवती दुर्गा का आगमन हुआ। नवमी तिथि शुक्रवार को होने के कारण मां भगवती दुर्गा का प्रस्थान हाथी पर सवार होकर होगा। बृहत्सार सिद्धांत में कहा गया है आश्विन शुक्ल पक्ष में श्री दुर्गा जी की पूजन करने से धर्म अर्थ काम तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। शरद कालीन नवरात्र में जो भक्ति पूर्वक मेरी पूजा करते हैं उनको मैं प्रसन्न होकर पत्नी, पति, धन, आरोग्य तथा उन्नति प्रदान करती हूं एवं उनकी सभी मनोकामनाएं को पूर्ण करती हूं। नवरात्रि में भक्त मां को प्रसन्न करने के लिए श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ, दुर्गा चालीसा, दुर्गा कवच, दुर्गा स्त्रोत, दुर्गा जी के 108 नाम नवार्ण मंत्र का जाप हवन करना शुभ होता हैं।