वर्तमान सत्र में 2024-25 में 385 रुपए प्रति से खरीदी प्रारंभ हो। गन्ने की शुगर रिकवरी के आधार पर शुगर मिलों में किसानो को मिले भुगतान।

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हेमराज राजपूत की ख़बर

गन्ना उत्पादक किसानों की बैठक में लिए गए निर्णयो के निराकरण की मांग।
नरसिंहपुर। विगत 20 वर्षों से लगातार गन्ना उत्पादक किसान अपनी उचित और लाभकारी मूल्य एवं अन्य जन समस्याओं को लेकर हर वर्ष परेशान होते नजर देखे जाते हैं। समस्याओं का कोई निदान नहीं निकलता। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्रियों उपभोक्ता मामले एवं खाद्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री श्री पहलाद जोशी एवं कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर श्री मोहन यादव एवं जिले के मंत्रि श्री प्रहलाद पटेल एवं उदय प्रताप सिंह एवं क्षेत्रीय लोकसभा सांसद दर्शन सिंह  संबंधित वरिष्ठ जवाबदेह अधिकारियों जिले  कलेक्टर को बैठक में हुई जन समस्याओं एवं उचित मांगों को लेकर एक मांग पत्र ईमेल के माध्यम से प्रेषित किया गया।

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गन्ना उत्पादक किसानों की समस्याओं को लेकर नरसिंहपुर जिले के खुलरी गांव में बैठक हुई। किसान नेता एवं समाजसेवी पवन पटेल की की उपस्थिति में शासन प्रशासन एवं शुगर मिल प्रबंधन को  गन्ना किसानों की समस्याएं प्राथमिकता के आधार पर निपटाने को कहा। उन्होंने स्वयं समिति के किसानों की सहमति के आधार पर कहा 385 रूपये प्रति कुंटल गन्ना जिले की मिले खरीदी करें। बैठकर गन्ना किसानों की समस्याओं को सुनने की बात कही। चीनी मिल शुरू होने के पहले पहली बार गन्ना किसानों की समस्याओं के निस्तारण को लेकर समिति अन्य किसानों के साथ बैठक की। बैठक में
दिनांक 17-11-2024 दिन रविवार को ग्राम खुलरी जिला नरसिहपुर (म०प्र०) से नरसिहपुर जिले के गन्ना उत्पादक किसानों की बैठक आयोजित की गयी जिसमें विभिन्न ग्रामों के किसानों की उपस्थिति हुई।
वैठक में निम्न बिंदुकों पर चर्चा हुई :-

1. गन्ने की शुगर रिकवरी के आधार पर शुगर मिलों में किसानो को भुगतान प्राप्त हो, विछले गन्ना पिराई सत्र 2023-24 की गन्ना रिकवरी के आधार पर बर्तमान सत्र में 385 रुपए प्रति से खरीदी प्रारंभ हो।

2. शुगर मिलों द्वारा अपनी क्षमतानुसार, मिलों में प्रतिदिन गन्ना किसानों द्वारा गन्ना बुलाए, क्षमता से अधिक गन्ना आने से  यातायात  परेशानी व किसानो को वाहन खाली मे अतिरिक्त समय ना लगे।

3. समय पर मिले चालू हो. जिससे तीसरे वर्ष के गन्ने खेत समय पर खाली हों व अन्य फसलो की बोली किसान समय पर कर सकें।

4. शुगर मिलों द्वारा गन्ना कटाई हेतु लेबर व यातायात हेतु वाहन सुविधा किसानों को दी जाए।

5. जिन किसानों द्वारा स्वयं के लेबर बाहन से गन्ना मिलो को दिया जाए उनको प्राथमिकता दी जाए।

6. टेस्टर में डबल ट्राली से गन्ना परिवहन को मिलो द्वारा कढाई से रोका जाए।

7. तौल काटो को शुगर मिलो द्वारा नापतौल विभाग द्वारा प्रति सप्ताह किसानों के समक्ष चैक कराया जाए एवं अन्य नजदीकी धर्मकाटो सभी फ्रांसचेक कराया जाए।


8.  गन्ना भुगतान विक्रेता किसानो को 14 दिवस के भीतर किया जाये।

9.  शुगर मिलों द्वारा गन्ना शुगर रिकवरी की जांच प्रत्येक सप्ताह गन्ना अनुसंधान केन्द्रों के द्वारा किसानों के समक्ष कराई जाए ताकि पारदर्शिता हो सके।

10. शुगर मिलों द्वारा दूषित जल स्थानीय नदी नालो में छोड़ा जाता है जिसके कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में में भू- जल दूर्षित होने से रोगों का प्रकोप बढ़ता है अतः इसे रोका जाए एवं अन्य प्रदूषण से संबंधित समस्त नियमों का शुगर मिलों द्वारा पूरी तरह पालन किया जाए।

11. किसानों को मिलो द्वारा प्रेसगठ (भरी) खाद हेतु निश्यक दी जाए।

12. शुगर मिल कर्मचारियों द्वारा किसानों के साथ कभी कभी र्दुव्यवहार होता है इसे मिल संचालको/प्रबंधन द्वारा रोका जाए।

13. शुगर मिल क्षेत्र के अंतरर्गत आने वाले सभी गांवों व सभी किसानों का गन्ना समय पर मिलो द्वारा लिया जाए,  2024-25 में शुगर मिलो द्वारा अनेक मिलो द्वारा गन्ना प्रदाय करने वाले ग्रामों का सर्वे नही किया गया है।

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