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एम.पी. में लाड़ली बहनों को फ़ायदा लेकिन समूह की महिलाओं की लगातार अनदेखी..?

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ऐसा क्यों? वर्षों से शोषण के खिलाफ़ मौजूदा व्यवस्था पर होगा भारी विरोध : बघेल

प्रदेश के शास. स्कूलों एवम आंगनबाडियों में प्रतिदिन भोजन नाश्ता बनाकर खिलाने वाली गरीब महिलाओं को सम्मान दिलाने प्रदेश व्यापी आंदोलन की रूपरेखा हुईं तय…..!

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लाडली बहना योजना के तहत महिलाओं के खातों में प्रतिमाह ₹1200 डालकर अपनी वाहवाही करवाने वाली एम पी सरकार को उन कामकाजी महिलाओं की तरफ़ कोई चिंता नहीं है जिनके अथक प्रयास के चलते केंद्र सरकार के सहयोग से चलने वाली पीएम पोषण शक्ति योजना को संचालित किए हुए हैं। स्कूलों और आंगनबाड़ियों में आने वाले बच्चों का पेट भरने वाली महिलाओं के बच्चे इस महंगाई के दौर में सरकार की उपेक्षा के चलते कुपोषण का शिकार बन रहे हैं। सरकार के बिभिन्न मंत्रालयों में बैठे मंत्री और खुद मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए समय-समय पर शिविर आयोजित कर अफसरों के माध्यम से सरकार की झूठी उपलब्धि गिनाने का काम कर रहे हैं , साथ ही साथ लाखों गरीबी की हालत में कामकाजी महिलाएं सरकार के इस दिखावे से अपने आप को बिल्कुल ठगी महसूस करती दिख रही हैं, इन्होंने सोचा था कि बीजेपी की सरकार को विजय दिलाकर स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं का शोषण रुकेगा परंतु यह सिर्फ सपना बनकर रह गया इसलिए अब उनके अधिकार और सम्मान दिलाने के लिए प्रांतीय समूह संघ शीघ्र ही प्रदेश में बड़ा आंदोलन करने जा रहा है जिसकी रूपरेखा, रणनीति तैयार कर ली गई है। यह बात प्रांतीय समूह संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता ओमप्रकाश बघेल ने प्रेस नोट जारी कर दी है। साथ ही अपनी न्यायोचित मांगो के संबध में स्व सहायता समूहों के पास इस बढ़ती मंहगाई में और कोई चारा भी नहीं दिखाई दे रहा… ज्ञात रहें कि मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ियों में महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से भोजन नाश्ता बनाने खिलाने का काम करने वाली महिलाओं के अधिकृत संगठन प्रांत समूह संघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता ओमप्रकाश बघेल ने बताया कि बीते 10 सालों में महंगाई 10 से 20 गुना बढ़ गई है पर स्कूलों में भोजन नाश्ता बनाने वाले महिला स्व सहायता समूहों कि आमदनी जस के तस है इतने कम पैसे में भी सरकार उनसे भरपेट भोजन, दो सब्जी, सलाद पापड़, अचार सब मांग रही है जो ₹200 में कैंटीन में भी नहीं मिल सकता वह खाना मात्र 4/- या 6/- रुपए में महिला समूह कैसे देंगे स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है कहीं कहीं तो महिलाएं दो-दो किलोमीटर दूर से पानी भरकर लाने को मजबूर है और सरकार जल मिशन के नाम पर करोड़ों रुपया प्रचार प्रसार में खर्च कर रही है, हम कई बार अपनी मांगों के समर्थन में सरकार का ध्यान आकर्षित करा चुके हैं लेकिन कामकाजी महिलाओं की तरफ से गूंगी बहरी बनी मौजूदा सरकार को महिलाओं की चिंता नहीं है उसे सिर्फ़ अपनी योजना (लाड़ली बहना) सिर्फ धरातल पर दिखाई दे रही हैं अब समूह से जुड़ी महिलाएं भी आर पार की लड़ाई के मूड में आ गई है शीघ्र ही भोपाल के सड़कों पर समूह से जुड़ी लाखों महिलाओं का प्रदर्शन देखने लायक

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