मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की जनपद पंचायत चांवरपाठा की ग्राम पंचायत मनकवारा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है पंचायत कर्मी की नियुक्ति बिना कक्षा 10वीं की अंकसूची के की गई है। और यह मामला प्रशासन की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़े करता है।

शिकायतकर्ता जो कि पिछले 17 वर्षों से संघर्ष कर रहा है बार बार प्रशासन का ध्यान इस फर्जी नियुक्ति की ओर दिलाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि अधिकारियों ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत खुलासा हुआ है कि यह नियुक्ति फर्जी है। जनपद पंचायत चांवरपाठा द्वारा बनाई गई चार सदस्यीय जांच समिति ने दावा किया कि यह नियुक्ति “बहुमत” के आधार पर की गई। लेकिन सवाल यह उठता है अगर बहुमत ही तय करना था। तो विज्ञापन क्यों जारी किया गया। क्या सरकारी पदों पर नियुक्ति का आधार बहुमत हो सकता है।
इसमें और भी बड़ा खुलासा यह है कि वर्तमान सचिव रामनरेश कौरव के पास कक्षा 10वीं की अंकसूची ही नहीं थी।
सिर्फ यही नहीं। उनकी 41 प्रतिशत अंकों को बढ़ाकर 46 प्रतिशत कर दिया गया। यह फर्जीवाड़ा साबित करता है कि कैसे नियमों को तोड़ मरोड़ कर उन्हें लाभ पहुंचाया गया।
अब सवाल यह है प्रशासन ऐसे गंभीर मामले पर कब कार्रवाई करेगा।
माननीय “कलेक्टर” महोदय के पास अब शिकायत दर्ज की गई है। लेकिन क्या यह शिकायत भी गोलमोल जवाब देकर बंद कर दी जाएगी या फिर दोषी अधिकारियों और सचिव पर कड़ी कार्रवाई होगी
17 सालों से न्याय के लिए “संघर्ष” कर रहे शिकायतकर्ता की आवाज़ आखिर कब सुनी जाएगी यह मामला प्रशासन की पारदर्शिता और ईमानदारी की असली परीक्षा है। अब पूरा क्षेत्र इस फैसले का इंतजार कर रहा है।