
दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित वे शिक्षक. जो सालों से अल्प वेतन पर कार्य कर रहे थे. उनके लिए आया है एक स्वर्णिम अवसर। सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली ने 10 मार्च 2025 को दिया एक ऐतिहासिक निर्णय.
मध्य प्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत कार्यरत संविदा शिक्षकों के लिए अब बनेगा ‘विशेष शिक्षक’ का नियमित पद। और मिलेगा पूरा वेतन
अब इन शिक्षकों को मिलेगा उनका हक़ जो शिक्षक दिव्यांग बच्चों को समर्पित भाव से पढ़ा रहे थे.अब वे तन-मन से समर्पित होकर, बिना किसी आर्थिक चिंता के, पूरे वेतन पर कार्य करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीन सप्ताह के भीतर इन शिक्षकों की नियुक्ति की जाए, और इसके लिए गठित हो एक तीन स्तरीय स्कैनिंग कमेटी
संघर्ष हमेशा रंग लाता है और इस जीत के पीछे है एक अनाम नायक जिसने इन शिक्षकों की कानूनी लड़ाई में पूरा सहयोग दिया और आज, उसका परिश्रम सफल हुआ।
यह फैसला न केवल शिक्षकों के लिए, बल्कि दिव्यांग बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए भी एक बड़ी जीत है।
“न्याय की यह रोशनी, दूर तक जाएगी।
“सुप्रीम कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला, हर शिक्षक के संघर्ष की गूंज बनकर हमेशा याद रखा जाएगा।
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