मुक्तिधाम करेली में भी गरीब परिवार के मुखिया के अंतिम संस्कार के समय गीली लकड़ी देने पर अंतिम संस्कार में दिक्कत lजिला ब्यूरो भागीरथ तिवारी

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करेली।3 मार्च विगत दिनों कोल परिवार के मुखिया चंदू कोल का आकस्मिक निधन होने पर मुक्ति धाम में अंतिम संस्कार किया जाने के पूर्व अंतिम संस्कार के समय बीमारी से त्रस्त इस मुखिया की अंतिम संस्कार के समय उसके पूर्व अंत्येष्टि स्थल पर यहां की देखरेख करने वाले कर्मचारी का मुर्गा अंत्येष्टि स्थल पर विचरण कर रहा था और तो और जब इस गरीब परिवार के मुखिया की अंतिम संस्कार करने के पूर्व परिवार के सदस्यों के द्वारा अंत्येष्टि स्थल की सफाई की गई l तभी यहां पर जो तीन क्विंटल लकड़ी निकाली गई थी उसमें से अधिकांश लकड़ी गीली होने के कारण अंतिम संस्कार में बड़ी दिक्कत होने लगी और यहां पर जब देखा कि साफ सफाई भी नहीं और पानी की व्यवस्था भी ठीक तरीके से नहीं हो पा रही थी l यहां पर जो लकड़ी अंतिम संस्कार के समय दी जा रही थी l उसका कोई भी लेखा-जोखा नहीं था और ना ही कोई व्यवस्था नजर आ रही थी मुक्ति धाम को संचालित करने वाले नागरिकों के द्वारा जब भी नगर के व्यक्ति का देव लोक गमन होता है तब झोली पहले कर जो राशि एकत्रित की जाती है l और इस राशि के नाम पर जो राशि कर्मचारी को दी जाती है उसके द्वारा मुक्तिधाम की साफ सफाई की जानी चाहिए पर मुक्तिधाम में सेवा रत कर्मचारियों को बार-बार फोन लगाने के बाद भी फोन न उठाना भी हैरानी के साथ राशि वसूल करना गरीब परिवार के साथ कहां तक उचित है lयह विचारनीयप्रश्न है l अब यह प्रतीतहोने लगा है कि मुक्तिधाम में भी व्यक्ति को जहां सुविधा मिलना चाहिए वहा सुविधा न मिलने के नाम पर राशि की वसूली की जाती है और नगर पालिका करेली के अधिकारी कर्मचारी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है जबकि मुक्तिधाम के लिए निशुल्क व्यवस्थाएं की जानी चाहिए l यहां पर जो भी कर्मचारी सफाई के नाम पर रहते हैं उन्होंने भी मुक्तिधाम के आसपास अतिक्रमण कर लिया है जिसकी भी जांच होना चाहिए l विदित होवे कि तीन दिन पहले बड़े पुत्र की बहु को बड़ी मुश्किल से पुत्र प्राप्त होने पर बड़ी कठिनाइयों का सामना करते हुए जबलपुर मेडिकल में प्रसव होने पर पुत्र की परेशानी को लेकर चंदू कोल बीमारी से परेशान थे l और अपना जीवन यापन कर रहे थे l इनका अंतिम संस्कार के समय राजेंद्र वार्ड की महिलाओं ने साहस कर किसी को जानकारी न लग सके आपने खर्चों में कटौती कर कुछ राशि एकत्रित कर परिवार को राशि दी l

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