नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2025:देश में गो आधारित अर्थव्यवस्था (Cow-Based Economy) को सशक्त करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया गया।यह आयोजन खुशी सेंटर फॉर रिहैबिलिटेशन एंड रिसर्च द्वारा किया गया, जिसमें ग्लोबल कॉन्फेडरेशन ऑफ काऊ-बेस्ड इंडस्ट्रीज़ (GCCI) सहित अनेक संस्थाओं ने सहयोग किया।दिल्ली घोषणा पत्र (Delhi Declaration) जारीसम्मेलन के उपरांत “दिल्ली घोषणा पत्र” जारी किया गया, जिसमें गो आधारित नीतियों और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में आगामी कार्ययोजना प्रस्तुत की गई।इस घोषणा पत्र में ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने, सतत विकास को प्रोत्साहित करने तथा पंचगव्य उत्पादों के औद्योगिक उपयोग को बढ़ावा देने की रणनीति शामिल की गई।विजन 2047 : 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्यमिशन भारत के सीईओ श्री साकेत मणि त्रिवेदी ने सम्मेलन में “Vision 2047” प्रस्तुत किया, जिसके अंतर्गत वर्ष 2047 तक गाय आधारित उद्योगों के माध्यम से भारत को 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया।डॉ. वल्लभभाई कथीरिया का संदेशभारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं GCCI के संस्थापक डॉ. वल्लभभाई कथीरिया ने अपने संबोधन में कहा —> “गाय ही स्वस्थ, समृद्ध और उज्ज्वल विश्व की आधारशिला है।यदि विश्व को सतत विकास चाहिए, तो गाय आधारित जीवनशैली ही उसका मार्ग है।”उन्होंने विश्वभर के गौप्रेमियों और गो-उद्यमियों से एकजुट होकर इस दिशा में संगठित प्रयास करने का आह्वान किया।विशिष्ट अतिथियों की उपस्थितिकार्यक्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता,केंद्रीय पशुपालन राज्य मंत्री श्री एस. पी. बघेल,सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले,तथा अनेक विशिष्ट अतिथियों ने अपनी प्रत्यक्ष/परोक्ष उपस्थिति एवं शुभकामनाएं दर्ज कराईं।अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस के अवसर पर विशेष सत्रसम्मेलन का आयोजन “अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस” के अवसर पर किया गया।इस अवसर पर विभिन्न तकनीकी सत्र आयोजित हुए, जिनमें प्रमुख विषय रहे —आपदा जोखिम न्यूनीकरण में गाय की भूमिकापंचगव्य आधारित उद्यमितास्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि में गाय के उपयोगनवीकरणीय ऊर्जा और सतत विकास में गो-आधारित समाधानमहिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु “गाय आधारित आजीविका से नारी सशक्तिकरण” पर भी एक विशेष सत्र आयोजित किया गया।राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिताकार्यक्रम में देश के विभिन्न गौसेवा आयोगों के अध्यक्ष,गाय आधारित उद्यमों के प्रमुख,और सरकारी योजनाओं के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए।सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “स्वदेशी और भारतीयता” केंद्रित “मेक इन इंडिया” दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने की दिशा में गाय आधारित उद्योगों की भूमिका पर अपने विचार रखे।गाय आधारित उद्योग: ग्रामीण भारत की नई शक्तिवक्ताओं ने कहा कि देशी गायों पर आधारित उद्यमों के प्रोत्साहन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर होगा।प्रमुख वक्ता एवं प्रतिभागीकार्यक्रम में अजित मोहपात्रा, सुनील मानसिंहका, हुकुमचंद्र सांवला,सुनील देवधर, प्रदीप मेहता, प्रो. आर.एस. चौहान,प्रो. वीरेंदर विजय, श्री सुरपति दास, डॉ. रश्मि सिंह,गौरव केडिया, प्रो. विवेक कुमार,जीसीसीआई डायरेक्टर मित्तल खेताणी एवं पुरीश कुमार,ए.डब्लू.बी.आई. के राम रघुवंशी, दिलीप धनराज,तथा भागीरथ तिवारी, गंभीर सिंह राजपूत, मीनाक्षी शर्मा, पूरी श. शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।सात्त्विक भोजन की विशेष व्यवस्थाकार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों और प्रतिभागियों के लिए इस्कॉन द्वारा प्रातः से सायं तक सात्त्विक भोजन एवं अल्पाहार की व्यवस्था की गई, जिससे भारतीय परंपरा और आध्यात्मिकता की झलक पूरे आयोजन में दिखाई दी।—निष्कर्षयह राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन भारत में गो आधारित अर्थव्यवस्था को एक सशक्त राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम सिद्ध हुआ है।“दिल्ली घोषणा पत्र” आने वाले वर्षों में स्वदेशी, आत्मनिर्भर और सतत भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

