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May 15, 2024
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लव एंड हेट रिलेशनशिप! सुनील गावस्‍कर से जितनी नफरत करते थे कैरेबियन फैंस,उतना ही प्‍यार,जानें वजह..


नई दिल्‍ली. महान बैटर सुनील गावस्‍कर (Sunil Gavaskar) का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. उन्‍हें विश्‍व क्रिकेट के सर्वकालीन सर्वश्रेष्‍ठ ओपनरों में शुमार किया जाता है. गावस्‍कर ने जिस दौर में क्रिकेट खेला, उस समय वेस्‍टइंडीज के तेज गेंदबाजी आक्रमण के आगे दुनिया के दिग्‍गज बैटरों की भी घिग्‍घी बंध जाती थी लेकिन इसी आक्रमण के सामने ‘सनी’ ने रनों और शतकों का अंबार लगाया. अपनी तकनीक और एकाग्रता पर उन्‍हें इतना यकीन था कि वेस्‍टइंडीज के तेज गेंदबाजों का सामना करते हुए भी कभी हेलमेट नहीं लगाया. गावस्‍कर ने जिस दौर में क्रिकेट खेला उस समय एंडी रॉबर्ट्स, माइकल होल्डिंग, जोएल गार्नर, मैल्‍कम मार्शल, कॉलिन क्राफ्ट जैसे खूंखार कैरेबियन तेज गेंदबाजों के अलावा डेनिस लिली, जेफ थॉमसन, बॉब विलिस, इमरान खान और रिचर्ड हैडली की विश्‍व क्रिकेट में तूती बोलती थी लेकिन उनका विकेट हासिल करने में इन गेंदबाजों को भी खासी मशक्‍कत करनी पड़ी. गावस्‍कर ने ही टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हजार रनों के ‘एवरेस्‍ट’ को छुआ था.

गावस्‍कर ने टेस्‍ट करियर का आगाज वेस्‍टइंडीज के खिलाफ (India Vs West Indies) वर्ष 1971 में किया था और कैरेबियन द्वीप में अपनी पहली ही सीरीज में 154.80 के औसत से चार टेस्‍ट में 774 रन बनाकर विश्‍व क्रिकेट में धमाकेदार आगाज का ऐलान किया था. इस सीरीज में गावस्‍कर ने अपनी बैटिंग तकनीक का लोहा मनवाया था. हालांकि वेस्‍टइंडीज के क्रिकेटप्रेमियों से उनका रिश्‍ता प्‍यार और नफरत का रहा .

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वेस्‍टइंडीज के पूर्व कप्‍तान क्‍लाइव लॉयड और भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर फारुक इंजीनियर के साथ सुनील गावस्‍कर.

गावस्‍कर की बैटिंग की तारीफ में रचा गया था सांग
डेब्‍यू टेस्‍ट सीरीज में ही ‘सनी’ ने जब वेस्‍टइंडीज के खूंखार बॉलर्स के सामने रनों का अंबार लगाया तो उन्‍हें उन्‍हें हाथोंहाथ लिया गया था. कैरेबियन द्वीप के लोगों की रग-रग में संगीत बसा हुआ है, ‘सनी’ की तारीफ में एक कैलिप्‍सो सांग भी बना था जिसमें भारत के इस ‘लिटिल मास्‍टर’ की बैटिंग की जमकर तारीफ की गई थी. भारत और वेस्‍टइंडीज के मैचों के दौरान यह गाना सुनाई देता था. वहीं, 1976 मे भारत-इंडीज सीरीज के अंतर्गत जमैका टेस्‍ट के बाद ऐसा कुछ हुआ था जिससे गावस्‍कर से कैरेबियन फैंस बेहद नाराज हो गए थे.

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‘वह गावस्कर थे, रियल मास्टर, बिल्कुल एक दीवार की तरह’
सबसे पहले बात गावस्‍कर से कैरेबियन फैंस के प्‍यार की. 1971 की डेब्‍यू सीरीज में इंडीज के खिलाफ गावस्‍कर के बैटिंग प्रदर्शन पर लॉर्ड रिलेटर के नाम से पॉपुलर कैलिप्सो सिंगर विलार्ड हैरिस ने एक गीत बनाया था. रैप स्‍टाइल का यह सांग अपने आसान बोलों के कारण हर किसी की जुबान पर चढ़ गया था. सांग के बोल कुछ इस प्रकार थे “It was Gavaskar, The real master, Just like a wall, We couldn’t out Gavaskar at all Not at all, You know the West Indies couldn’t out Gavaskar at all (वह गावस्कर थे, रियल मास्टर, बिल्कुल एक दीवार की तरह. हम गावस्कर को बिल्कुल भी आउट नहीं कर सके, आप जानते हैं कि वेस्टइंडीज गावस्कर को बिल्कुल भी आउट नहीं कर सका.)”  ‘गावस्कर को वेस्टइंडीज बिल्कुल भी आउट नहीं कर सका’ यह लाइन काफी पॉपुलर हुई थी. टीम इंडिया से यह सीरीज 1-0 से जीती थी जो कि वेस्टइंडीज पर उसकी पहली टेस्ट और सीरीज जीत रही.

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1976 की भारत-इंडीज सीरीज में खेल भावना लगी दांव पर 

हालांकि 1976 की भारत-इंडीज सीरीज में कुछ ऐसा हुआ जिसमें गावस्‍कर और कैरबियन द्वीप के क्रिकेट फैंस के रिश्‍तों में तल्‍खी ला दी. इस सीरीज के अंतर्गत पोर्ट ऑफ स्‍पेन टेस्‍ट में भारत के खिलाफ चौथी पारी में 403 रन का टारगेट रखने के बावजूद इंडीज टीम को हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद वेस्‍टइंडीज के तत्‍कालीन कप्‍तान क्‍लाइव लॉयड ने खेल भावना को परे रखकर अपने तेज गेंदबाजों को ऐसा कुछ करने के लिए कहा था जिस खूब आलोचना हुई थी. दरअसल, लॉयड को अहसास हो गया था कि भारतीय बैटर स्पिन का सामना करने में बेजोड़ हैं, ऐसे में उन्‍होंने किंग्‍स्‍टन टेस्‍ट में अपनी ‘पेस बैटरी’ को भारतीय बैटरों को ‘टारगेट’ करने का निर्देश दिया था. किंग्स्टन के सबीना पार्क में हुए चौथे टेस्‍ट में लॉयड ने एक्‍सप्रेस गति वाले चार बॉलर मैदान में उतारे और भारतीय बैटरों पर बाउंसर्स और बीमर (बॉडी पर टारगेट करती हुए गेंद) डालने को कहा था. 1932 की ‘बॉडीलाइन सीरीज’ की ही तर्ज पर फील्डिंग सेट की गई थी.

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‘बॉडीलाइन’ बॉलिंग से कई भारतीय बैटर हुए थे चोटिल

सबीना पार्क के तेज विकेट पर भारतीय बैटर इस रणनीति के खिलाफ असहाय नजर आए. मैच में कई भारतीय बैटर को चोटें लगीं. तीन प्‍लेयर को तो अस्‍पताल में भर्ती करना पड़ा. ओपनर अंशुमन गायकवाड़ के कान पर गेंद लगी और उन्‍हें दो दिन अस्‍पताल में बिताने पड़े.  इससे पहले, एक गेंद गायकवाड़ के ग्‍लब्‍ज पर ऐसी लगी थी कि खून बहकर पैड पर गिरने लगा था. विश्‍वनाथ की उंगली टूट गई जबकि ब्रजेश पटेल के चेहरे पर टांके लगाने की नौबत आई. ब्रजेश को होल्डिंग की बाउंसर लगी थी. खेल भावना के विपरीत आचरण के बावजूद अंपायर्स ने वेस्‍टइंडीज के बॉलर्स को नहीं रोका. फलस्‍वरूप भारतीय टीम के कप्‍तान बिशन सिंह बेदी को छह विकेट पर 306 के स्‍कोर पर ही पहली पारी घोषित करनी पड़ी. भारत को दूसरी पारी भी पांच विकेट पर 97 के स्‍कोर पर समाप्‍त घोषित करनी पड़ी थी क्‍योंकि और कोई खिलाड़ी चोट के कारण बैटिंग करने की स्थिति में नहीं था. वेस्‍टइंडीज ने टेस्‍ट मैच जीता था लेकिन खेल भावना की धज्जियां उड़ाने के कारण कप्‍तान क्‍लाइव लॉयड की प्रतिष्‍ठा पर ‘दाग’ लग गया था.

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गावस्‍कर ने ‘सनी डेज’ में लिखा था -किंग्‍स्‍टन में बर्बरता
सुनील गावस्‍कर ने ऑटाबायोग्राफी ‘सनी डेज’ में जमैका टेस्‍ट और किंग्‍स्‍टन के दर्शकों के ‘व्‍यवहार’ का जिक्र किया है. उन्‍होंने इस टेस्‍ट की घटना का एक चैप्‍टर में विस्‍तार से जिक्र किया है जिसका शीर्षक है, ‘Barbarism at Kingston (किंग्‍स्‍टन में बर्बरता).’ सनी ने तल्‍ख लहजे में लिखा था, ‘जमैका के दर्शकों को यदि मॉब (उग्र भीड़) कहा जाए तो बेहतर होगा. वे चिल्ला रहे थे, ‘किल हिम मान (मैन)’, ‘हिट हिम मान’, ‘नॉक हिज़ हेड ऑफ़ माइक. उन्होंने (किंग्‍स्‍टन के दर्शकों ने) हमारे एक भी शॉट पर ताली नहीं बजाई. एक बार जब मैंने डेनियल की गेंद पर चौका लगाया तो दर्शकों से ताली मे उम्मीद कर रहा था लेकिन उन्‍होंने इसका जवाब मुझ पर हंस कर दिया था.’ गावस्‍कर ने किंग्‍स्‍टन के दर्शकों के व्‍यवहार को लेकर जिस तरह की प्रतिक्रिया जताई थी जिसे लेकर वेस्‍टइंडीज के क्रिकेट फैंस उनसे काफी नाराज रहे.

कई वर्ष बाद पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने अपनी ऑटोबॉयोग्राफी ‘नो होल्डिंग बैक’ में कहा था, ‘यह सच था कि (किंग्‍स्‍टन टेस्‍ट में) हमने ज़रूरत से ज़्यादा शॉर्ट गेंदें फेंकीं. जिस तरह से हमें गेंदबाज़ी करने के लिए कहा गया उसे लेकर मैं सहज नहीं था लेकिन अगर कप्तान आपसे ऐसा करने के लिए कहता है तो आप कुछ नहीं कर सकते.’

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