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राज बहादुर ने कहा, ‘एक कार्यक्रम में, रजनी ने एक नाटक में अभिनय किया और प्रसिद्ध तमिल निर्देशक के बालाचंदर मुख्य अतिथि थे.’रजनी बेंगलुरु आए और मुझे बताया कि बालाचंदर ने उनसे तमिल सीखने के लिए कहा था लेकिन और कुछ नहीं कहा. मैंने उनसे कहा, इतने बड़े डायरेक्टर ने कहा है तो आगे भी कुछ है. चूंकि मैं तमिल जानता हूं, तब से हमने केवल तमिल में ही बात करने का निर्णय लिया. अगले दो महीनों में, रजनीकांत फ्लूएंट तमिल बोलने में सक्षम हो गए.’ फिर अगली बार जब रजनी निर्देशक से मिले, तो बालाचंदर ने उन्हें बताया कि उनके पास एक भूमिका है, लेकिन कहा कि चूंकि वो तमिल नहीं जानते हैं, इसलिए उन्हें कास्ट करना संभव नहीं होगा. तुरंत, रजनी ने उन्हें तमिल में जवाब दिया और कहा कि वो भाषा जानते हैं और बालाचंदर केवल दो महीनों में भाषा सीखने की उनकी क्षमता से दंग रह गए और उन्हें 1975 में अपूर्व रागंगल में भूमिका मिली. तब से, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और बाकी इतिहास है.’ आपको बता दें कि राज बहादुर 2005 में बीएमटीसी से ड्राइवर के पद से सेवानिवृत्त हुए लेकिन दोनों के बीच दोस्ती हमेशा वैसी ही बनी रही. राज बहादुर ने कहा, ‘केवल रजनीकांत और मेरे बीच ही नहीं, बल्कि उनके और उनके सभी दोस्तों के बीच प्यार, स्नेह इन सभी दशकों से समान बना हुआ है.’