नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बैंक धोखाधड़ी मामले से जुड़ी चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच में एक रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के तीन जिलों (लखनऊ मेरठ नोएडा और प्रयागराज) और हरियाणा के गुरुग्राम में कई जगहों पर छापेमारी की. इस दौरान ईडी ने तुलसियानी समूह से जुड़े लोगों के दफ्तरों और आवासीय परिसरों में तलाशी ली. ईडी के अधिकारियों ने लखनऊ के गोमती नगर में एक कार्यालय परिसर की तलाशी ली, जो भाजपा विधायक अजय सिंह के “परिवार के सदस्य” से जुड़ा है.
तुलसियानी ग्रुप के तत्कालीन सीएमडी अनिल तुलसियानी और उनकी पत्नी पर कथित तौर पर घर खरीदारों को धोखा देने और बैंक धोखाधड़ी का आरोप है. नए निदेशक कथित तौर पर भाजपा विधायक से जुड़े हुए हैं. ईडी ने ये करवाई यूपी पुलिस की एफआईआर के आधार पर की, जो लगभग 4.63 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के लिए रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ दर्ज किया गया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी ईडी को मामले की जांच करने का आदेश दिया था. ईडी की जांच से पता चला कि मामले में “अपराध की आय” लगभग 10 करोड़ रुपये है. छापेमारी के दौरान एक कंपनी, जिसका नाम जीएस एक्सप्रेसवे है, वो 301, सहर प्लाजा, लखनऊ के पते पर रजिस्टर्ड है, जिसके निदेशक अनिल तुलसियानी और उनकी पत्नी कविता थे. उस कंपनी में भी तलाशी हुई.
बताया जा रहा है कि लंबे समय तक जीएस एक्सप्रेसवे और तुलसियानी समूह कंपनी के बीच लेनदेन होते रहे. फिलहाल संग्राम सिंह और सिद्धार्थ सिंह इस कंपनी के निदेशक हैं, जो बस्ती के विधायक अजय सिंह के चचेरे भाई हैं. जांच एजेंसी के मुताबिक इस मामले में विधायक अजय सिंह की कोई भूमिका सामने नहीं आई है.
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FIRST PUBLISHED : April 24, 2024, 22:04 IST