Bollywood movie without heroine,: इन दिनों साउथ फिल्म Manjummel Boys काफी सुर्खियां बटोर रही है जिसे हर एक ग्रुप के लोग सराह रहे हैं. जबकि इस फिल्म में न तो कोई बड़ा हीरो है और न ही हीरोइन. हालांकि, फिल्म फिर भी सुपरहिट निकली और अब भी लोग इसे देखने के लिए सिनेमाघरों में जा रहे हैं. इस फिल्म से ये साबित होता है कि अगर कंटेंट अच्छा हो तो फिल्म बिना हीरो- हीरोइन के भी परफोर्म कर सकती है. बहरहाल, इस आर्टिकल में हम आपको बॉलीवुड की कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें काफी पसंद किया गया था और इनमें कोई सिंगल हीरोइन नहीं देखने को मिली. जी हां, जब अधिकांश लोग फिल्मों के बारे में सोचते हैं, तो वे एक अभिनेता और एक अभिनेत्री की कल्पना करते हैं जिनके इर्द-गिर्द ही कहानी घूमती है. हालांकि, हर फिल्म में एक अभिनेत्री हो, ऐसा भी जरूरी नहीं, क्योंकि दर्शक कंटेंट को सबसे ऊपर मानते हैं. ऐसी कुछ फिल्में आई हैं जिनमें कोई कोई हीरोइन नहीं, फिर भी वे प्रदर्शन के मामले में सफल रहीं और ये फिल्में प्रेम कहानियों के बारे में नहीं बल्कि कई अन्य विषयों पर थीं. यहां कुछ बॉलीवुड फिल्में बिना अभिनेत्रियों के हैं.
01
Ferrari Ki Sawaari (2012): हिंदी खेल ड्रामा में शरमन जोशी, बोमन ईरानी और ऋत्विक सहोरे ने प्रमुख भूमिकाएं निभाईं. फेरारी की सवारी में कोई हीरोइन नहीं थी. यह कायो नाम के एक छोटे बच्चे के बारे में है जो क्रिकेट का दीवाना है. कायो का स्कूल एक क्रिकेट शिविर आयोजित करता है जो स्टूडेंट्स को लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान में भेजेगा, लेकिन कायो के पिता रुसी (शरमन जोशी) के पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं. पैसे पाने के लिए, उन्होंने एक दिन के लिए सचिन तेंदुलकर की चमकदार लाल फेरारी उधार ली.
02
Aamir (2008): राज कुमार गुप्ता की एक्शन थ्रिलर में हीरोइन की कमी थी. इसमें राजीव खंडेलवाल ने एक मुस्लिम डॉक्टर की भूमिका निभाई, जिसे मुंबई लौटने पर एक रहस्यमय कॉलर द्वारा आतंकवादी साजिश में शामिल होने के लिए राजी किया जाता है. फिल्म में उसे आतंकवादी योजना से सहमत होने के लिए बाध्य किया गया है, लेकिन समापन के करीब उसका हृदय परिवर्तन हो जाता है.
03
Dhamaal(2007): फिल्म के मुख्य कलाकार संजय दत्त, रितेश देशमुख, अरशद वारसी, आशीष चौधरी और जावेद जाफरी हैं, जिनमें कोई हीरोइन नहीं है. यह 4 निकम्मे दोस्तों की कहानी है जो गोवा के सेंट सेबेस्टियन गार्डन में 10 करोड़ रुपये के खजाने की खोज करते हैं.
04
A Wednesday! (2008): 11 जुलाई 2006 को मुंबई ट्रेन विस्फोट ने नीरज पांडे की थ्रिलर को प्रेरित किया. इसमें नसीरुद्दीन शाह और अनुपम खेर मुख्य भूमिकाओं में हैं और एक सेवानिवृत्त होने वाले पुलिस आयुक्त की कहानी बताते हैं जो एक विशेष बुधवार को हुई घटनाओं की एक सीरीज बताते हैं. पुलिस अफसर के रोल में खुद अनुपम खेर हैं.
05
OMG – Oh My God! (2012): यह फिल्म गुजराती मंच नाटक कांजी विरुद्ध कांजी पर आधारित है और इसमें परेश रावल और अक्षय कुमार मुख्य भूमिकाओं में हैं, साथ ही मिथुन चक्रवर्ती, ओम पुरी, गोविंद नामदेव, पूनम झावेर, पूजा गुप्ता और महेश मांजरेकर सहायक भूमिकाओं में हैं. कहानी एक ऐसे व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है जो भूकंप के बाद अपनी दुकान बर्बाद होने के बाद भगवान पर मुकदमा करने का इरादा रखता है और उसे पता चलता है कि आपदा का दावा भगवान का ही एक एक्ट होता है लेकिन प्राकृतिक आपदाओं से हुए किसी भी नुकसान को कवर नहीं करता है.
06
Yaadein (1964): सुनील दत्त ने श्वेत-श्याम फिल्म यादें का निर्देशन और निर्माण किया, जिसमें केवल उन्होंने अभिनय किया और किसी एक्ट्रेस को नहीं लिया. यह फिल्म एक आदमी के बारे में एक आत्मभाषण (soliloquy) है जो घर लौटता है और पाता है कि उसकी पत्नी और बेटा वहां नहीं हैं. वो मानता है कि उन्होंने उसे छोड़ दिया है और उनके साथ अपने जीवन को याद करता है. आखिरी शॉट में एक सीन को छोड़कर, जो उनकी पत्नी को रिप्रेंजट करता है बाकी पूरी फिल्म में कोई एक्ट्रेस नहीं है.
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