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May 20, 2024
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शरद पवार की चाणक्य वाली चाल, इस सीट पर बुरी फंसी भाजपा, अजित पवार की भी बोलती बंद!


लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा 370 सीटों का टार्गेट लेकर चल रही है. उत्तर भारत के अधिकतर राज्यों में पार्टी बेहद मजबूत भी दिख रही है. लेकिन, दक्षिण भारत के साथ महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां ऐसी संभावना जताई जा रही है कि पार्टी को कुछ हद तक चुनौती का सामना करना पड़े. इतना ही नहीं, इस राज्य में मौजूदा भारतीय राजनीतिक के एक सबसे धुरंधर खिलाड़ी हैं शरद पवार. वह 83 साल के हो चुके हैं. उनका भतीजा उनसे उनकी पार्टी छीन चुका है. बावजूद इसके वह अपने इलाके में शतरंज के खेल के वजीर की तरह अपनी गोटियां बिछाने में व्यस्त हैं. ऐसे में इनके प्रभाव वाली कई लोकसभा सीटें हैं जहां शरद पवार की सियासी चाल से भाजपा के उम्मीदवार मुश्किल में पड़ते दिख रहे हैं.

शरद पवार की कर्मभूमि बारामती रही है. यहां से उनकी बेटी सुप्रिया सुले सांसद हैं. भतीजे अजित पवार की बगावत के बाद वह शरद पवार की विरासत संभाल रही हैं. वह मराठा छत्रप कहलाते हैं. पूरे मराठवाड़ा में उनका अच्छा प्रभाव है. ऐसे में एक अन्य सीट बीड़ को लेकर उन्होंने एक ऐसी चाल चली है कि भाजपा की उम्मीदवर पंकजा मुंडे मुश्किल में घिरती दिख रही हैं.

गोपीनाथ मुंडे की सीट
दरअसल, एनसीपी के टूटने से पहले तक बीड़ में एक तरफ दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की बेटियां पंकजा और प्रीतम मुंडे उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रही थीं तो दूसरी तरफ एनसीपी की ओर से गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे ताल ठोक रहे थे. बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में बीड़ से प्रीतम मुंडे सांसद बनीं तो यहीं की एक विधानसभा सीट से 2019 के विस चुनाव में पंकजा मुंडे हार गईं. वह हार भी दिलचस्प थी. उन्हें उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने ही हराया था. अब धनंजय मुंडे राज्य सरकार में मंत्री हैं.

लेकिन, अब महाराष्ट्र की राजनीति बदल गई है. धनंजय मुंडे खुद अजित पवार गुट वाले एनसीपी में आ गए हैं. यानी इस चुनाव में भाई-बहन पंकजा और धनंजय एक ही पाले में हैं. गठबंधन के तहत यह सीट भाजपा के पास है. अब धनंजय के दूसरे खेमे में चले जाने के बाद शरद पवार गुट को इस सीट से एक मजबूत उम्मीदवार की तलाश थी. अब ऐसा लगता है कि शरद पवार ने यह तलाश पूरी कर ली है. अगर, शरद पवार इस उम्मीदवार को टिकट देते हैं तो बीड़ का चुनाव वाकई दिलचस्प हो जाएगा.

मराठा आरक्षण आंदोलन से जुड़ा चुनाव
शरद पवार इस सीट से पूर्व विधायक दिवंगत विनायक मेटे की पत्नी ज्योति मेटे को टिकट दे सकते हैं. राज्य में चल रहे मराठा आरक्षण की मांग के दौरान हाल ही में एक दुर्घटना में विनायक मेटे की मौत हो गई. पति की मौत के बाद पत्नी ज्योति शिव संग्राम संगठन की प्रमुख की जिम्मेदारी उठा रही हैं. इस बीच उनकी शरद पवार के साथ दो दौर की बातचीत हुई है. उधर, शिव संग्राम संगठन ने सर्वसहमति से ज्योति मेटे से बीड़ से चुनाव लड़ने का अनुरोध किया है. इलाके में शिव संग्राम संगठन का अच्छा प्रभाव है. दूसरी तरह मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान पति की मौत से ज्योति के साथ जनता की सहानुभूति भी जुड़ी है.

शिव संग्राम के क्षेत्रीय प्रवक्ता तुषार काकड़े के मुताबिक ज्योति मेटे जल्द की सरकारी सेवा से रिटायर होकर चुनाव मैदान में उतरेंगी. इसकी पूरी संभावना है कि वह शरद पवार गुट की ओर से मैदान में होंगी. इस बारे में वह एक दो दिन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाली हैं. अगर शरद पवार गुट की ओर से ज्योति मेटे मैदान में उतरती हैं तो बीड में पंकजा मुंडे बनाम ज्योति मेटे के बीच एक कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. राज्य में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है. विनायक मेटे ने मराठा आरक्षण की मांग में बड़ा योगदान दिया था. मराठा आरक्षण बैठक में जाते समय उनका एक्सीडेंट हो गया था.

Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Sharad pawar



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