नई दिल्ली. इस बेजोड़ बैटर की क्षमता को पहचानने में सिलेक्टर हमेशा चूक करते रहे. यही कारण रहा कि एडम वोग्स (Adam Voges) को ऑस्ट्रेलियाई टीम से खेलने के बेहद सीमित मौके मिले. किसी प्रमुख बैटर के चोटग्रस्त होने या उपलब्ध न होने की स्थिति में ‘रिप्लेसमेंट’ के तौर पर ही दाएं हाथ के इस बैटर को टीम में स्थान दिया गया. वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के वोग्स ने फर्स्ट क्लास और लिस्ट A मैचों में अच्छे औसत व स्ट्राइक रेट से रनों का अंबार लगाया लेकिन सिलेक्टर्स की निगाहों में चढ़ नहीं सके.
लगातार अच्छे प्रदर्शन की अनदेखी के बाद आखिरकार 28 वर्ष की उम्र में वोग्स को ऑस्ट्रेलियाई वनडे और टी20 टीम में स्थान मिला. इसे वोग्स की किस्मत, सिलेक्टर्स की उपेक्षा या ऑस्ट्रेलियाई के उस दौर की टीम में कई दिग्गजों की मौजूदगी ही माना जाएगा कि बेहद प्रतिभावान होने के वावजूद इस बैटर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलने के बहुत कम मौके मिले. टेस्ट डेब्यू का मौका तो उन्हें 35 वर्ष से अधिक उम्र में मिला.
यह स्थिति तब रही जब वनडे और टी20I, दोनों ही फॉर्मेट में वोग्स ने 45+ के औसत और अच्छे स्ट्राइक रेट (ODI में 87.17 व T20I में 121.92) से रन बनाए. 2007 से 2013 तक के शॉर्टर फॉर्मेट के करियर में वोग्स ने 31 वनडे में 45.78 के औसत से 870 रन बनाए जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक रहे. लंबे कद का यह बैटर ODI सफर के दौरान नियमित रूप से अच्छा स्कोर बनाता रहा और इस फॉर्मेट में कभी 0 पर आउट नहीं हुआ. यही कारण रहा कि 31 ODI में एक शतक और चार अर्धशतक के बावजूद उनका रन औसत शानदार रहा. टी20I का वोग्स का करियर तो और भी छोटा रहा. उन्हें क्षमता साबित करने के लिए महज 7 मैच मिले जिसमें पांच पारियों में दो बार नाबाद रहते हुए उन्होंने 51 के टॉप स्कोर के साथ 139 रन (औसत 46.33) बनाए. 2013 में उन्होंने वनडे और टी20 में अपना आखिरी मैच खेला.
वोग्स को 2009 में एक बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे मैचों के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम में स्थान मिला था लेकिन उन्होंने मंगेतर क्रिस्टी से शादी करने के लिए खुद को अनुपलब्ध बताया था.बाद में अपने फैसले को न्यायोचित ठहराते हुए उन्होंने कहा था,’ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलने का मौका मिलना बड़ी बात है लेकिन मुझे लगता कि आप जीवन में शादी केवल एक ही बार करते हैं और यह मेरे लिए अहम मौका है.’
36 साल में किया टेस्ट डेब्यू, रचा इतिहास
हद तो तब हुई जब शॉर्टर फॉर्मेट में बैटिंग क्षमता दिखाने के बावजूद वोग्स को टेस्ट डेब्यू के लिए जून 2015 तक इंतजार करना पड़ा. 35 वर्ष से अधिक उम्र में उन्हें तब टेस्ट खेलने का मौका मिला जब दूसरे क्रिकेटर या तो रिटायर हो चुके होते हैं या इस बारे में विचार करने लगते हैं. बहरहाल वेस्टइंडीज के खिलाफ मिले इस मौके का वोग्स ने पूरा फायदा उठाया और इतिहास रच दिया. इस टेस्ट में उन्होंने 247 गेंदों पर 13 चौकों और एक छक्के की मदद से नाबाद 130 रनों की पारी खेली और डेब्यू टेस्ट में शतक जड़ने वाले सबसे उम्रदराज बैटर बने. डेब्यू टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की जीत में अहम योगदान देकर और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बनकर उन्होंने सिलेक्टर्स को मुंहतोड़ जवाब दिया.
टेस्ट में 99 रन पर आउट हुए ये बैटर, करियर में फिर कभी नहीं बना पाए शतक
20 टेस्ट में 61.87 का औसत, दो दोहरे शतक
एडम वोग्स ने शॉन मॉर्श के साथ चौथे विकेट के लिए 449 रन की साझेदारी की थी. ICC/X
बढ़ती उम्र के बावजूद वोग्स के बल्ले से रनों का प्रवाह नहीं रुका. 20 टेस्ट की 31 पारियों में सात बार नाबाद रहते हुए उन्होंने 61.87 के जबर्दस्त औसत से 1485 रन बनाए जिसमें पांच शतक (दो दोहरे शतक) शामिल हैं. इस दौरान नाबाद 269 रन वोग्स का सर्वोच्च स्कोर रहा जो उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ दिसंबर 2015 में होबर्ट में बनाया था. इस पारी के दौरान वोग्स ने शॉन मॉर्श के साथ चौथे विकेट के लिए 449 रन की साझेदारी की थी जो इस विकेट के लिए अभी भी सबसे बड़ी साझेदारी है. लगातार तीन टेस्ट पारियों में शतक (269*, 106* और 239) जड़ने का रिकॉर्ड भी वोग्स के नाम पर है.
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ब्रेडमैन के बाद रन औसत में दूसरे नंबर पर
वोग्स ने एक अन्य दोहरा शतक फरवरी 2016 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन टेस्ट में (239 रन) बनाया. टेस्ट क्रिकेट में रन औसत के मामले में वोग्स तीसरे नंबर पर हैं. उनसे ऊंचा रन औसत महान डॉन ब्रेडमैन (52 टेस्ट में 99.94) और इंग्लैंड के हैरी ब्रूक्स (12 टेस्ट में 62.15) का ही है. यही नहीं, यदि न्यूनतम 20 टेस्ट खेलने को पैमाना मानें तो रन औसत में ब्रेडमैन के बाद वोग्स का ही नंबर आता है. नवंबर 2016 में वोग्स ने आखिरी टेस्ट खेला जिसमें पहली पारी में वे गोल्डन डक पर आउट हुए जबकि दूसरी पारी में 2 रन ही बना सके. डॉन ब्रेडमैन के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ औसत रखते हुए वोग्स टेस्ट क्रिकेट से रिटायर हुए थे, बाद में 2022 में डेब्यू करने वाले ब्रूक्स उनसे आगे निकले.
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2006-07 में मिल सकता था टेस्ट डेब्यू का मौका लेकिन..
2005 के बाद वोग्स ऑस्ट्रेलिया के डोमिस्टिक क्रिकेट में खूब रन बना रहे थे. इसी दौरान टेस्ट टीम के बैटर डेमियन मार्टिन ने संन्यास का ऐलान कर दिया. मार्टिन के विकल्प के तौर पर वोग्स का 2006 की एशेज सीरीज के लिए टीम में चुना जाना तय माना जा रहा था लेकिन किस्मत आड़े आ गई.सिलेक्टर्स ने उनकी जगह अनुभवी एंड्रयू साइमंड्स को तरजीह दी और वोग्स अपनी बारी का इंतजार करते रह गए.
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आईपीएल में भी खेल चुके,अब LSG के हैं सलाहकार
टी20 फॉर्मेट के बेहतरीन प्लेयर माने गए वोग्स इंडियन प्रीमियर लीग में भी खेल चुके हैं. 2010 के सीजन में वे राजस्थान रॉयल्स टीम के मेंबर थे. उन्होंने 9 मैचों की 7 पारियों में तीन बार नाबाद रहते हुए 45.25 के औसत और 126.57 के स्ट्राइक रेट से 181 रन बनाए थे.आईपीएल 2024 में वे लखनऊ सुपरजायंट्स टीम के सपोर्ट स्टाफ में सलाहकार की हैसियत से शामिल हैं.
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FIRST PUBLISHED : May 9, 2024, 15:44 IST