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May 9, 2024
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आप भी करते हैं ऑनलाइन शॉपिंग तो आंखें खोल देगी यह रिपोर्ट, देखो कैसे ‘लूटती’ हैं कंपनियां, सरकार हुई सख्‍त


हाइलाइट्स

कैशबैक के नाम पर ऑनलाइन मंचों की तरफ लुभाया गया.
लेकिन मंच से जुड़ने के बाद उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया.
सीसीपीए ने 13 तरह के ‘डार्क पैटर्न’ को चिह्नित किया है.

नई दिल्‍ली. छूट, कैशबैक और सब्‍सक्रिप्‍शन ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों का पाला इन चीजों से जरूर पड़ता है. देखा जाए तो पूरा ऑनलाइन बाजार ही इन तीन चीजों पर टिका होता है. लेकिन, क्‍या आपको पता है कि ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्म पर इन चीजों का लालच देने के बाद कंपनियां ग्राहकों से ठगी कर लेती हैं. पहले तो छूट और कैशबैक के नाम पर सब्‍सक्रिप्‍शन करवाती हैं और बाद में कोई भुगतान भी नहीं करती हैं.

दरअसल, एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि अधिकतर ग्राहकों को कैशबैक और सब्सक्रिप्शन के नाम पर ऑनलाइन मंचों की तरफ लुभाया गया लेकिन मंच से जुड़ने के बाद उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने मंगलवार को 13 तरह के ‘डार्क पैटर्न’ को चिह्नित किया है, जो भ्रामक विज्ञापन या अनुचित व्यापार व्यवहार अथवा उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करते हैं. इनमें सदस्यता लेने के लिए ललचाने और कीमत को घटाकर दिखाने जैसे रुझान शामिल हैं.

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क्‍या कहती है रिपोर्ट
‘लोकलसर्किल्स’ की रिपोर्ट कहती है कि सर्वेक्षण में शामिल ऑनलाइन भुगतान मंचों के 62 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने चारे की तरह इस्तेमाल होने की बात महसूस की है. उन्हें लुभाने के लिए कैशबैक का विज्ञापन दिया गया था, लेकिन मंच पर साइन अप करने या सब्‍सक्रिप्‍शन और लेनदेन के बाद कोई भुगतान नहीं किया गया.

45 हजार लोगों पर किया सर्वे
लोकलसर्किल्स को देश के 376 जिलों से ऑनलाइन भुगतान मंचों के उपयोगकर्ताओं से 45,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिली थीं. सर्वेक्षण में शामिल भुगतान मंचों के 67 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने सब्‍सक्रिप्‍शन ट्रैपिंग का अनुभव किया है, जहां एक बार जब उन्होंने यूपीआई भुगतान के लिए अपने बैंक खाते को जोड़ा तो उन्हें इसे हटाने या कैंसिल करने में परेशानी हुई. गौरतलब है कि सरकार ने दिसंबर, 2023 से ऑनलाइन मंचों के इस डार्क पैटर्न पर प्रतिबंध लगा दिया है. बावजूद इसके ऑनलाइन मंचों पर यह खेल अभी जारी है.

10 लाख तक जुर्माना
सरकार ने दिसंबर, 2023 में ही इस तरह के गलत मार्केट प्रैक्टिस पर रोक लगा दी थी और ऐसा करने पर मोटे जुर्माने का प्रावधान किया है. सरकार ने साफ कहा है कि अगर ग्राहकों की पसंद में छेड़छाड़ या उन्‍हें बरगलाने की कोशिश की जाती है तो ऑनलाइन मंचों या ई-कॉमर्स कंपनियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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