नई दिल्ली. देश के सबसे सुरक्षित कारागार में शुमार तिहाड़ जेल अक्सर सुर्खियों में रहता है. कभी हाईप्रोफाइल कैदियों को लेकर तो कभी जेल प्रशासन के फैसलों को लेकर इसकी चर्चा होती है. तिहाड़ में कैदियों के बीच झड़प की भी घटनाएं सामने आती रहती हैं. एक बार फिर से सुरक्षित कारागार में टकराव की ऐसी ही घटना सामने आई है. कैदियों का दो गुट आपस में भिड़ गया. इसमें कम से कम 4 बंदियों के घायल होने की सूचना है. हिंसक टकराव की यह घटना जेल नंबर-3 की है. यहां यह गौर करने वाली बात है कि दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तिहाड़ के जेल नंबर-2 में बंद हैं.
जानकारी के अनुसार, दिल्ली की तिहाड़ जेल की कारा संख्या-3 के अंदर बुधवार सुबह आपस में भिड़ने से चार कैदी घायल हो गये. तिहाड़ जेल केक अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि दो अलग-अलग गिरोह के कैदियों ने एक-दूसरे पर धारदार हथियारों से हमला किया. दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘ऐसा संदेह है कि कैदियों ने जेल में वर्चस्व स्थापित करने के लिए एक-दूसरे पर हमला किया.’ अब सवाल यह उठता है कि जब तिहाड़ जेल इतना सुरक्षित और चाक-चौबंद हैं तो कैदियों के पास धारदार हथियार कहां से आया?
जेल नंबर 2 में बंद हैं अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ की जेल नंबर 2 में रखा गया है. उन्हें अदालत में सौंपे गए और स्वीकृत नामों के अनुसार, काम के संबंध में दिल्ली सरकार के अधिकारियों से मिलने की अनुमति दी गई है. केजरीवाल सप्ताह में दो बार परिवार के सदस्यों से भी मिल सकते हैं, लेकिन उनके नाम उस सूची में होने चाहिए जिसे जेल सुरक्षा द्वारा मंजूरी दी गई है. मधुमेह से पीड़ित केजरीवाल की नियमित स्वास्थ्य जांच भी की जाती है. बता दें कि तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता ने कहा था कि सलाखों के पीछे से सरकार चलाना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होगा.
कैदियों का ख्याल
तिहाड़ सहित दिल्ली की कुल 16 जेलों में कैदियों की मानसिक हेल्थ के लिए बने साइकेट्री डिपार्टमेंट के हेड डॉ. विवेक रुस्तगी बताते हैं कि तिहाड़ से लेकर मंडोली और रोहिणी की जेलों में रोजाना करीब 150 नए कैदी आते हैं. जेल में आते ही इन सभी कैदियों की मानसिक हेल्थ की भी जांच की जाती है, इसके अलावा जेलों में रह रहे कैदियों के लिए भी करीब 30 से ज्यादा साइकेट्रिस्ट या साइकोलॉजिस्ट रोजाना काम करते हैं. इस दौरान देखा गया है कि तिहाड़ में सजायाफ्ता कैदी जो लंबे समय से बंद हैं और सजा काट रहे हैं, मानसिक रूप से ठीक रहते हैं. इन्हें चिंता या तनाव जैसी चीजें बहुत कम होती हैं.
(इनपुट: भाषा)
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FIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 09:14 IST